शुक्रवार, 14 अगस्त 2009

विडम्बना


॥ विडम्बना

....
आज
आदमी पैदा नहीं होता है,
हिन्दू पैदा होता है,
मुस्लिम पैदा होता है,
हिन्दुस्तान में,
ब्राह्मण, क्षत्रीय, वैश्य, शुद्र,
पाकिस्तान में,
सिया और सुन्नी पैदा होता है,
अफ्रीका में,
गोरा और काला पैदा होता है,
आदमी गुलाम पैदा होता है,
शासक पैदा होता है,
आदमी,
कहीं पैदा नहीं होता है,
बनता है,
प्रगतिशील, परम्परावादी,
सुधारवादी, प्रतिक्रियावादी,
नहीं बनता है, सिर्फ आदमी,
करता है,
शासन की सेवा, समाज की सेवा
खुद की सेवा, देश की सेवा,
नहीं करता है, आदमी की सेवा,
जहर भर गया है हवाओं में,
आदमी सस्ते में बीक रहा है ,
चौराहों पर..........


श्री बी.एल.पाल (SDOP)
मो.-9425568322
MIG-562/न्यू बोरसी दुर्ग

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रविवार, 9 अगस्त 2009

रिश्वत

काव्य संकलन - "बहुत जरूरी है "


..:: रिश्वत
::..

रधिया,
अपने माँ-बाप की गरीबी से तंग ।
शराबी बाप का,
रोज-रोज हुड़दंग ।
बेरोजगार भाई की,
आँखों में सपना ।
होता क्यों नहीं,
कोई नौकरी भी अपना ।
लेकर अपने भाई की,
नौकरी की आस ।
चल पड़ी रधिया,
एक अफसर के पास ।
लेकिन वाह री किस्मत,
लूट ली गई अस्मत
रधिया मौन थी पर,
ये गरीबी की नय्या है,
खेना ही पड़ता है ।
पैसा नहीं दे सकते,
तो आबरू ही लुटा दो ।
नौकरी के लिए रिश्वत
देना ही पड़ता है ।

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श्री मिथलेश शर्मा 'निसार'
अरजुन्दा, जिला-दुर्ग (छ.ग.)
मो. 9755057245


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सोमवार, 3 अगस्त 2009

पोस्टमार्टम

काव्य संकलन - "बहुत जरूरी है "

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पोस्टमार्टम
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तुम पूछते हो- क्यों भाई,
आप कविता लिखते हैं,
भला समाज में कुछ,
दिखाई देता है परिवर्तन ?
क्या जवाब दूँ,
सड़ी हुई लाशों का,
करता हूं पोस्टमार्टम ।
और तुम पूछते हो,
भाई ये मुर्दा,
ठीक हो जायेगा ना ?....


-------------------------------------श्री मिथलेश शर्मा'निसार'
अरजुन्दा, जिला-दुर्ग (छ.ग.)
मो. 9755057245

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दुनिया में कहां-कहां...


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