आज सुबह-सुबह मैं स्थानीय समाचार पत्र पढ़ रहा था । समाचार पत्र के मुख पृष्ठ पर छपी एक खबर को पढ़कर बहुत दुःख हुआ क्योंकि खबर ही ऐसी थी दिल दहला देने वाली । घटना का विवरण कुछ इस प्रकार था -
पत्नी से झगड़ने और मारपीट के बाद गुस्साये एक युवक ने अपने नवजात शिशु पर मिट्टी तेल डालकर जलाने का प्रयास किया । उस नवजात शिशु को इस धरती पर आये मात्र 22 दिन ही हुये थे । उक्त शिशु को जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया है जहां उसकी स्थिति गंभीर बताई गई है । दिल दहला देने वाली यह घटना बालोद के जवाहर पारा-खाल्हेपारा में शनिवार को हुई ।
जवाहर पारा-खाल्हेपारा झोपड़पट्टी में रहने वाले नईम कुरैशी जिसकी उम्र 28 वर्ष का अपनी पत्नी गायत्री उर्फ परवीन उम्र 27 वर्ष के साथ अक्कर लड़ाई-झगड़ा होता था । दोनों ने प्रेम विवाह किया था । घटना के दिन भी नईम और गायत्री के बीच जमकर विवाद हुआ था । नईम ने गाली-गलौच के साथ अपनी पत्नी की पिटाई करने के बाद गुस्से से खाट में सो रहे अपने नवजात शिशु पर मिट्टी तेल डालकर माचिस मारकर जलाने का प्रयास किया । गायत्री की चीख व मारपीट की आवाज सुनकर पंहुचे पड़ोसी खिलावन कुमार ने किसी तरह मासूम बच्चे को आग से हटाकर स्थानीय अस्पताल ले गया । बच्चे की स्थिति को देखते हुए डाक्टर ने फौरन ही जिला अस्पताल के लिए रिफर कर दिया । मोहल्ले के लोगों के अनुसार इस दंपत्ति के दो और संतान सुहाना और शाहीन है जिसकी उम्र क्रमशः 5 वर्ष एवं 4 वर्ष है ।