शनिवार, 25 जुलाई 2009

.. ऊँच-नीच के भेद भाव ..

आप मनला मे बताथों
ये सुराज के बाद के बात ये,
कोन्हों काहत हे अरे चुप रहा,
हमर ऊँचा जात हे,
ऊँच-नीच अउ जात-पात के,
झगरा बहुत पुराना हे,
ऊँच-नीच के भेद मिटाके,
गांव में अलख जगाना हे,
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई,
ये भूंइया के लाल ये,
जात-पात ला छोड़ दो भइया,
ये तो जी के काल ये,
छोटे-बड़े के भेद भुलाके,
सबला देखो समान हे,
जे भूंइया के सेवा करही,
उही सबले महान हे ।।


- कुंवर सिंह निषाद, अरजुन्दा मो.9977861910

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