ग्रामीण परिवेश में हो रही गतिविधियों को आप तक पहुँचाने का एक छोटा सा प्रयास । हमारी संस्कृति, बोली भाषा, प्रकृति, साहित्य, रहन-सहन, पहनावा, खान-पान आदि को दूर-दूर तक ले जाने में यह एक माध्यम बने । एक ठेठ भारतीय गांवो में ग्रामीण जीवन और समाज बहुत सरल है, गांव में लोगों का जीवन एवं समाजिक स्थिति लगभग एक जैसी होती है यानि एकरूपता के साथ सामाजिक जीवन जीने में ही विश्वास करते है । हर सुख-दुख में आपसी सहयोग को ही अपना धर्म मानते है ।
हा हा हा. सुभाष भाई तरिया नदिया मा अंग घसरे के काम आथे ये हर. बने जनउला पूछे, बतावौ भाई मन अडबड ताउ पहेली मा इनाम पाये हव.
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