ग्रामीण परिवेश में हो रही गतिविधियों को आप तक पहुँचाने का एक छोटा सा प्रयास । हमारी संस्कृति, बोली भाषा, प्रकृति, साहित्य, रहन-सहन, पहनावा, खान-पान आदि को दूर-दूर तक ले जाने में यह एक माध्यम बने । एक ठेठ भारतीय गांवो में ग्रामीण जीवन और समाज बहुत सरल है, गांव में लोगों का जीवन एवं समाजिक स्थिति लगभग एक जैसी होती है यानि एकरूपता के साथ सामाजिक जीवन जीने में ही विश्वास करते है । हर सुख-दुख में आपसी सहयोग को ही अपना धर्म मानते है ।
रविवार, 7 जून 2009
.....बताओ मैं क्या हूं ?
आज रात पैरावट में लगी आग का एक दृश्य । जो देखने में किसी शैतान के मुंह जैसा ही था । इस आग की वजह से हमें आज रात बगैर बिजली के ही काटना पड़ा.क्योंकि आग की बजह से बिजली के तार गल के टूट गये थे ।
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