

दू दिन होगे हमर जतका भी संदेश देवइय्या ठिकाना अखबार होय ते रेडिया अऊ नही ते टीबी सब्बो मा एके ठन खबर हा छा गेहे फलाना जगा गोली मिलिस त फलाना जगा मा बारूद । का हमर छत्तीसगढ़ के इही चिन्हारी हरे, का इंकरे मन हे हमर छत्तीसगढ़ के चिन्हारी होही ?
दू दिन पहिली के बात हे दुरूग राज के दादर-पथर्रा गौंव के मशानघाट करके कुआं मा अड़बड़ अकन बंदूक के गोली मिलिस हावे । कोनों ल एस.एल.आर.,कोनो ल रिवाल्वर कहात हावे त कोनों ल देशी कट्टा के । आनी बानी के तमंचा (पिस्तौल) के गोली मिलिस हाबै । भगवान जाने ये काकर आय, पुलिस मन येला नक्सली मन के हरे कहाथ हाबय । जांच पड़ताल हा अभी पूरा नई होहे फेर अनुमान इही हे ऊंकरे च मन के होही । ये बात ह पूरा नई होय पर पइस आजे के अखबार म अऊ खबर छपगे गंगरेल बांध मेर एक ठन गाड़ी पकड़ा गे । अइसन गाड़ी जेमा 20 ठन संदूक मा बारूद भराय रहिस । अतिक अकन बारूद मिले के मतलब का होईस । ये बात होइस पकड़ा गे तब फेर कोन जाने अऊ कतका असन गाड़ी हा बोचक गे होही । कोन जाने अऊ कतिक ठन कुंआ, डबरा अऊ तरिया मा ये गोली, बारूद ल लुका दे होही ?
एक समय रिहिस जेमा हमर छत्तीसगढ़ ला धान के कटोरा कहे जात रहिस। हमर एक अलगे चिन्हारी रहिस । फेर कोन जाने ये दू-चार साल में काकर नजर लग गे ये छत्तीसगढ़ महतारी ला । रात दिन इंकरे मन के खबर हा छा गेहे । का ये नक्सली हमर छत्तीसगढ़ ला होरा कस भूंज दे बर चाहत हे ? का इंकरे मन ले हमर छत्तीसगढ़ के चिन्हारी होही ? का होही हमर छत्तीसगढ़ राज के .....?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें