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रविवार, 5 जून 2011

सचमुच सरकार डर गई स्वामी रामदेव से........

भ्रष्ट्राचार और काले धन मुद्दे पर स्वामी रामदेव जी एवं देशभर के अनुयायी जो शांतिपूर्ण ढ़ंग से सत्याग्रह कर रहे थे कल रात्रि में सरकार ने पुलिस के माध्यम से स्वामी जी एवं अनुयायियों के साथ जो बर्बरता किया गया वह निंदनीय है । सत्याग्रह के लिए बैठे बाबा रामदेव को दिल्ली पुलिस आधी रात के बाद पांडाल से जबरन उठा कर ले गई।रामलीला मैदान में रात करीब डेढ बजे दिल्ली पुलिस के जवानों ने बाबा को हिरासत में लेने की कार्रवाई की। इस कार्रवाई में देशभर से आये हजारो समर्थक घायल हो गए किसी का पैर टूटा तो किसी का सिर फूटा । टी.वी.चैनलो के अनुसार रात को दिल्ली पुलिस के 5 हजार जवानों ने चोरों की तरह घुस कर पांडाल और सारे इंतजाम को तहस-नहस कर दिया वह निंदनीय है । पुलिस ने सोते हुए समर्थकों पर लाठी चार्ज किया। पुलिस ने पांडाल में आंसू गैस के गोले छोडे। जब पुलिस बाबा को गिरफ्तार करने के लिए मंच के पास पहुंची तो महिलाएं और अन्य समर्थक बाबा के सामने खडे हो गए। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोडकर समर्थकों को तितर-बितर कर बाबा को गिरफ्तार कर ले गए। साथ ही रामलीला मैदान को खाली करा लिया गया। लेकिन इस तरह के हालात पैदा करने की क्या आवश्यकता पड़ गई थी । सत्याग्रह को शांतिपूर्ण तरीके से भी खत्म किया जा सकता था इस तरह के अत्याचार करके सरकार ने अपनी हार खुद मान ली है । इस तरह के अत्याचार से बच्चों,महिलाओं,बुजुर्ग व्यक्तियों को जो शारीरिक कष्ट पहुँचा है उसका जिम्मेदार कौन है । देशभर के कोने कोने से लोग अपने परिवार,बीबी,बच्चों,ईष्ट मित्रों के साथ समर्थन देने के लिए दिल्ली गये थे उनका क्या कसूर जिसे इस तरह का अत्याचार का सामना करना पड़ा । पुलिस जिस तरीके का प्रयोग करते दिख रही थी वह निंदा करने के योग्य है । सरकार ने जिस तरीके का प्रयोग किया है उससे यही लगता है कि यह देश अभी भी अंग्रेजों का गुलाम है यहाँ गोरे अंग्रेज नहीं बल्कि इसी देश में पैदा हुए काले अंग्रेजो का राज है । हमारा भारत देश में लोकतंत्र है जहाँ पर प्रत्येक नागरिक को अपने विचारों को संवैधानिक तरीके से प्रगट करने का अधिकार प्राप्त है और इसी तरीके के तहत स्वामी रामदेव जी ने करोड़ों लोगों के समर्थन से भष्टाचार और काले धन के मुद्दे पर सरकार से कानून बनाने और काले धन के रूप में विदेशी बैंको में जमा रूपयों को भारत लाने की माँग कर रहे थे तो इसमें क्या गलत था । आज देश का हर नागरिक चाहता है कि काला धन का देश में आये, लेकिन सरकार की मंशा कुछ और है जिससे आम नागरिक इस बात को समझ चुके है कि जो लोग इस पर ऐतराज कर रहे हैं इन्ही लोगों का पैसा विदेशों में जमा है । कुछ लोग सत्याग्रह के लिए हुए इंतेजाम पर भी प्रश्नचिन्ह उठा रहे थे लेकिन उन लोगों को ये भी समझना चाहिए कि जून की इस प्रचंड गर्मी में लोग कैसे बैठ पाते अगर उनको पीने के लिए पानी या हवा नहीं मिलता तो लोग कैसे रह पाते कुल मिलाकर कुछ भ्रष्ट्राचारी लोग सत्याग्रह पर गैर जिम्मेदाराना बयान बाजी करके विवादास्पद बनाना चाह रहे थे । कुल मिलाकर हमारे देश में आज जो कुछ भी हो रहा है वह हमें पतन की ओर ले जा रहा है जिसे सभी भारतवासियों को सोंचना चाहिए और भष्ट्राचार को रोकने हेतु आगे कदम बढ़ाना चाहिए ।
सभी सत्याग्रहियों की कुशलता की मंगल कामना............

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