
आज सबेरे-सबेरे ले नहात-नहात गली मा लोगन के भाखा मिलत रिहिस -चल गा अब हमर छत्तीसगढ़ी मा कम्पूटर सीखे बर मिलही । मेंहा अचरज मा पड़ गेवं का बात होगे भई आज गली-खोर मा काबर अइसन गोठ हावथे , जा के देखे जाए तभे ये बात के पता चलहि । नहा के ऊंकर तीर मा महूं हा जाके देखेवं त पता चलिस पेपर मा खबर छपे हावय - छत्तीसगढी भी समझेगा कम्प्यूटर । जेमा बताये गे रिहिस हे कि अब कम्पूटर सीखे बर अंगरेजी नई सीखे बर पड़े । कम्पूटर हा छत्तीसगढ़ी मा काम करही जेकर ले अब कम-पढे़ लिखे मइनखे मन घलोक येला सीखहि अऊ ऊंकर काम सरलगहा हो जाही .
चिठ्ठासंसार ले जुड़े हमर भाई मन बर ये खबर पुराना हे, ऊमन तो पहिली च ले ये बात ला जानत हे कि हमर रवि भैय्या अइसन ढ़ंग ले एक ठन आपरेटिंग सिस्टम बनात हे । फेर हमर गांव मा रहवइय्या मइनखे मन ला पता नई रिहिस। मेन लाईन ला देखंव त महू ला पक्का मालूम पड़ गे रिहिस, ये तो हमर रवि रतलामी भैय्या के खबर आय । जेहा दू साल ले अपन मेहनत ले अतिक बडे काम करत रहिस । अऊ आज ओकर ये पूरा काम होके रिहिस .धनभाग हे छत्तीसगढ़, जिहाँ के सपूत हा अइसन काज करिस अऊ छत्तीसगढ़ ला एक कदम अऊ रेंगइस .
(साभार- नई दुनिया दैनिक समाचार पत्र)
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